SENIOR CITIZEN- STATUS | वरिष्ठ नागरिक – भारत में वस्तु स्थिति

वरिष्ठ नागरिक – वस्तु स्थिति(SENIOR CITIZEN- STATUS) को समझने में हम इन कुछ प्रशनों के उत्तर के साथ इन्हें समझते हैं। 
  • वरिष्ठ नागरिक किसे कह्ते हैं ?
  • भारत में वस्तु स्थिति
  • प्रशासनिक व्यवस्था
  • सम्बंधित साधन

वरिष्ठ नागरिक कौन हैं ?

  • भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक जो साठ वर्ष का हो।
  • जो नागरिक साठ वर्ष की आयु पार कर चुका हो, कानूनी रूप से वरिष्ठ नागरिक का दर्जा रखता है। 
SENIOR CITIZEN- STATUS  वरिष्ठ नागरिक- वस्तु स्थिति

वरिष्ठ नागरिक- वस्तु स्थिति

भारत में वस्तु स्थिति-(SENIOR CITIZEN- STATUS in INDIA)

 जब हम भारत में वरिष्ठ नागरिक – वस्तु स्थिति पर नज़र डालते हैं।  तब ये कुछ आंंकड़े हमको देखने को मिलते हैं-

  • सन 2011 की जनगणना के हिसाब से भारत में 10 करोड़ से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक हैं। जिनमें से 5 करोड़ 30 लाख महिलायें, एवम्‌ 5 करोड़ 10 लाख पुरुष हैं। 
  • संयुक्त  राष्ट्र जनसंख्या निधि एवम्‌ हेल्पेज ईन्डिया के द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार सन्‌ 2026 तक वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 17 करोड़ 30 लाख तक पहुंचने की सम्भावना है।
  •  सन्‌ 1961 में वरिष्ठ नागरिकों का जंसंख्या में अनुपात 5.6% था, जबकि साल 2011 में बढ़कर 8.6% हो गया। जिसमें पुरुषों की हिस्सेदारी 8.2% एवम्‌ महिलाओं की हिस्सेदारी 9.0% थी। 
  • यानि समय के साथ-साथ न कि सिर्फ संख्या बल्कि अनुपात में भी बढ़ोतरी हुई है। 
  • भारत की 71% वरिष्ठ आबादी गावों में जबकि शहरों में 29% वरिष्ठ नागरिक जन रह्ते हैं।  
  • 2009 से 2013 के दौरान जन्म के समय महिलाओं की सम्भावित आयु 69.3 वर्ष एवम्‌ पुरुषों की सम्भावित आयु 65.8 वर्ष थी।  
  • 60 वर्ष के होने पर बची हुई औसत आयु सम्भावित रूप से 18 वर्ष पुरुषों की 16.9 वर्ष एवम्‌ महिलाओं की 19 वर्ष। 
  • 70 वर्ष के होने पर बची हुई सम्भावित आयु 12 वर्ष के लगभग पुरुषों की 10.9 एवम्‌ महिलाओं की 12.3 वर्ष। 
  • भारत में बुढ़ापे में होने वाली निर्भरता 1961 में 10.9% से बढ़ कर 2011 में 14.2% पर पहुंच गयी है। 

संम्बंधित जानकारी एवम्‌ आँकड़ों के लिए मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिसटिक्स एन्ड प्रोग्राम  इम्पलिमेंटेशन  की रिपोर्ट एल्डरली इन इंडिया 2016 देखें।

सामाजिक वस्तुस्थिति 

बुज़ुर्गों की वस्तुस्थिति कोई बहुत ज़्यादा सकारात्मक नहीं कही जायेगी।

  • आज व्यस्त जीवन के चलते बच्चे कभी-कभी चाहकर भी अपने बड़ों को पर्याप्त समय नई दे पाते।
  • मोबाइल एवं इंटरनेट के बढ़ते उपयोग ने नयी पीढ़ी को अपने में व्यस्त और बुजुर्गों से दूर कर दिया है।
  • छोटे होते परिवार, बदलते नैतिक मूल्यों के कारण भी बुज़ुर्गों की स्थिति में गिरावट आयी है। 
  • बुजुर्गों के जीवन में अकेलापन, उपेक्षा, और अपने परिवार के द्वारा ही Exploitation – दुर्व्यवहार भी पहले  से बढ़ा है।  

प्रशासनिक व्यवस्था

मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट समान अधिकार और समानता के व्यवहार को सुनिश्चित करती है। जिससे कि समाज के  हर वर्ग को सामाजिक भेदभाव, दुर्व्यवहार, उत्पीड़न, अन्याय का सामना न करना पड़े। मिनिस्ट्री का सामाजिक सुरक्षा विभाग वरिष्ठ नागरिकों की जरूरतों को पूरा करता है। यह मंत्रालय (मिनिस्ट्री) वरिष्ठ नागरिकों की बेह्तरी के लिए-

  • कानून, पॉलिसियां एवम्‌ कार्यक्रम बनाता है।  
  • एवम्‌ राज्य सरकारों एवम्‌ सन्घ शासित प्रदेशों के साथ मिलकर उंनका क्रियान्वयन करता है। 
  • यह सुनिश्चित करता है,, कि वरिष्ठ नागरिक जन अपना जीवन सुरक्षा एवम सम्मान के साथ बितायें। 

सम्बंधित साधन

  1. लॉन्ग-टर्म केयर ऑफ ओल्डर पर्सन्स इन इंडिया
    http://www.unescap.org/sites/default/files/SDD%20Working%20Paper%20Ageing%20Long%20Term%20Care%20India%20v1-2.pdf
  2.  एल्डरली इंडिया (http://mospi.nic.in/sites/default/files/publication_reports/ElderlyinIndia_2016.pdf)
  3.  मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस एंड एम्पॉवरमेंट (http://socialjustice.nic.in/Home/Index)

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