NPS क्या है?

NPS को नेशनल पेन्शन स्कीम कहते है जो पेन्शन फन्ड रेग्यूलेटरी और डेवलप्मेंट अथाॅरिटी (PFRDA) द्वारा इसे नियंत्रित किया जाता हैं।

नेशनल पेन्शन स्कीम एकं स्वतंत्र सहयोग स्कीम है। जिसका उद्देश्य केन्द्र सरकार द्वारा ‘भारतीय नागरिकों को रिटायरमेन्ट के पश्चात एक निश्चित आय प्रदान करना ‘है। 

NPS  का लक्ष्य पेंशन में सुधार और नागरिकों में रिटायरमेंट के लिए बचत की आदत को प्रेरित करना है।

इस स्कीम के माघ्यम से लोगों में बचत की आदत डालना है जिससे यह पूँजी उनकी वृद्धावस्था मे पेन्शन के रूप मे हर माह एक आय स्रोत का कार्य करती है।

NPS स्कीम के तहत एक पर्सनल रिटायरमेन्ट एकाउंट ओपेन कर सकते है जिसमे अपनी युवावस्था मे कार्य करते हुए भविष्य के लिए धन बचाया जाता है।  यह स्कीम सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है, परन्तु अन्य लोग भी इसे स्वेच्छा से अपना सकते है।

NPS - NATIONAL PENSION SCHEME

NPS – NATIONAL PENSION SCHEME

नेशनल पेन्शन स्कीम का विवरण

यह स्कीम विशेषकर नागरिकों को सेवानिवृत्ति के बाद की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार करती है ?जब व्यक्ति वृद्ध होता है; तो अक्सर उसके पास नियमित आय नही होती है। लेकिन पेन्शन प्लान होने से इस अवस्था मे भी आर्थिक मजबूती और सुरक्षा सुनिश्चित हो जाती है।

नेशनल पेन्शन स्कीम या NPS  एक ऐसा प्लान है; जो हमें  पूँजी निवेश करने का अवसर देता है जो साल दर साल बढ़ता जाता है और हमे NPS का अच्छा रिटर्न देता है। इन सेविंग के द्वारा रिटायरमेन्ट होने पर परिवार के खर्चे और आवश्यकताए पूरी की जा सकती है।

आप संचित पेंशन धनराशि का उपयोग  भारत की किसी जीवन बीमा कम्पनी से कोई जीवन वार्षिकी खरीदने के लिए कर सकते हैं। या आप अपनी जमा पूँजी का एक भाग निकाल सकते हैं। पूँजी का यह भाग आपकी उम्र और जमा राशि पर निर्भर करेगा।
भारत कि किसी भी बीमा कम्पनी द्वारा

पेन्शन एकाउन्ट दो प्रकार के है-

NPS टायर वन

इस पेन्शन एकाउन्ट में पूँजी निकालने की पाबन्दी होती है।

NPS टायर टू

यह एक बचत खाता है जिसमें आर्थिक दिक्क्त होने पर पूँजी निकाल सकते है।

यह एकाउन्ट तभी एक्टीव होता है जब टायर वन का एक सक्रीय खाता बना होता है।

NPS स्कीम में कैसे निवेश करें ?

NPS में निवेश पॉइंट ऑफ़ प्रजेंस (POP) के माध्यम से निवेश किया जा सकता है।

यह निवेश तीन प्रकार के विभागों द्वारा किया जा सकता है:

  • E एसेट क्लास  –  मुख्य रूप से इक्विटी मार्किट में निवेश।
  • C एसेट क्लास  – सरकारी प्रतिभूतियों (securities) के अलावा ऋण प्रतिभूतियों (debt securities ) में निवेश।
  • G एसेट क्लास  – सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश।

जानें –

नेशनल पेंशन स्कीम के लाभ

other pension scheme – PVVY