अक्सर खुशियों की खोज में हम खुश होने के बजाये और दुखी और परेशान हो जाते हैं। अक्सर ये परेशानी सिर्फ हमें ही नहीं हमारे आस-पास के लोगों को भी परेशान करने लगती है।

मगर स्वयं हम ये समझ नहीं पाते कि आखिर दिक्कत है कहाँ और दूसरों पर दोष मढ़ते रहते हैं। इसी तरह की स्थिति हमारे कहानी के प्रमुख पात्र की है। इस कहानी को ज़रूर सुनें शायद ये आपकी परेशानी का भी हल हो ! और हमारे साथ शामिल हो खुशियों की खोज में – नीचे दिए चित्र पर क्लिक करें –

यह वृद्ध व्यक्ति की कहानी है लेकिन यह आपकी खुशी की भी कहानी है।

एक बार गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति रहता था और पूरा गाँव उससे बहुत परेशान था। यह बूढ़ा हमेशा उदास रहता था। वह लगातार शिकायत करता था, और हमेशा बुरे मूड में रहता था। जैसे-जैसे उम्र बढ़ रही थी वह उतने ही चिड़चिड़े होते जा रहे थे।

लोगों ने उससे बचने की पूरी कोशिश करते क्योंकि जो भी उनसे उलझता उनसे उसका समय और काम दोनों खराब होते। उनसे बात करने में सबको दर लगता कि कहीं कुछ अप्रिय न हो जाए। लेकिन, एक दिन जब वह 80 साल के हो गए, तो एक अविश्वसनीय बात हुई। ऐसा जो कभी किसी ने न सुना न ही देखा था। गाँव में ये अफवाह सुनने में आयीं कि, बूढ़ा आज खुश है कि उसे किसी बात की शिकायत नहीं है।
वह मुस्कुराता है और गाना गुनगुनाता है, यहां तक ​​कि उसका चेहरा भी तरोताजा हो जाता है।
पूरा गाँव उस आदमी के आसपास इकट्ठा हो गया, और उससे पूछा कि आपको क्या हो गया है? और उसने कुछ खास जवाब नहीं दिया बस मुस्कुरा दिया। लोगों ने फिर पूछा, आप आज बहुत खुश लग रहे हैं, क्या बात है? सब ठीक तो है न ? इस बार उसने कहा, 80 साल मैं खुशी का पीछा कर रहा था, और यह बेकार था। तब मैंने खुशी के बिना जीने का फैसला किया, और बस जीवन का आनंद लिया। इसलिए मैं अब खुश हूं।

ख़ुशी का रहस्य

आप देखते हैं, आपके जीवन में आपको किसी भी चीज का पीछा नहीं करना चाहिए, यहां तक ​​कि खुशी भी नहीं। एक बार जब आप चीजों का पीछा करना बंद कर देंगे तो आप वास्तव में खुश होंगे। भाग्य का पीछा न करें, भाग्य का पीछा न करें, यदि आप किसी चीज का पीछा नहीं करते हैं, तो इसका मतलब है कि यह आपसे दूर जाने की कोशिश कर रहा है। इसलिए जब तक आप उन चीजों का पीछा करेंगे, जिन्हें आप कभी नहीं पकड़ पाएंगे। यह जीवन का महान भ्रम है।
बस जीवन का आनंद लें!

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