ज़िन्दगी भर हम खुशियों के पाना चाहते हैं और उसके लिए क्या-क्या जतन नहीं करते। सारा जीवन ख़ुशी पाने के लिए लगा देते हैं पर ख़ुशी का रहस्य हमें नहीं मिलता।
मगर सच तो ये है वो हर पल हमारे आस पास ही मौजूद है बस हम नज़रअंदाज़ कर जाते हैं। और जीवन की हज़ारों हज़ार खुशियां हमारे करीब से होकर निकल जाती हैं। इस कहानी में एक पिता अपने पुत्र को ख़ुशी का रहस्य जानने के लिए एक यात्रा पर भेजता है। कहानी देखने के लिए नीचे चित्र पर क्लिक करें –
एक दिन एक पिता ने अपने बेटे को जिसका नाम सरल था, दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के पास ख़ुशी का रहस्य जानने के लिए भेजा।
सरल चल पड़ा, सरल को चालीस दिनों तक रेगिस्तान एवं दुर्गम रास्तों से गुज़रना पड़ा, और आखिरकार वह एक ऊँचे पहाड़ के ऊपर एक खूबसूरत महल तक आ पंहुचा, जहाँ वह बुद्धिमान आदमी रहता था।
लेकिन उसके सोच के विपरीत वहां एक साधु या संत आदमी के बजाय, एक आधुनिक एवं सामान्य व्यक्ति जिसका नाम “नायक” था उसे मिला,
महल के मुख्य कमरे में प्रवेश करने पर वहां उसे सभी प्रकार के कार्यों से सम्बंधित लोग वहां मिले। जैसे व्यापारी, कलाकार, दार्शनिक, वैज्ञानिक इत्यादि, वे लोग कमरे में सभी तरफ एक दूसरे से बात कर रहे थे। दुनिया भर के सबसे स्वादिष्ट पकवान वहां बड़ी सी मेज पर सजे हुए थे। धीमा-धीमा मधुर संगीत वहां आनंद को दोगुना कर रहा था। उत्सव का सा माहौल था।
हमारा नायक यानि बुद्धिमान व्यक्ति सभी के साथ बड़ी ही सौम्यता और घुलमिल कर बातें कर रहा था।
बहुत से लोग उससे मिलने के लिए अपने समय आने का इंतज़ार कर रहे थे।
अपने मिलने का समय आने तक सरल को तो को दो घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा। नायक ने सरल की बातों को ध्यान से सुना कि वह क्यों आया था लेकिन, उसने कहा कि उसके पास खुशी के रहस्य को समझाने के लिए अभी समय नहीं है।
और नायक ने सुझाव दिया कि तब तक सरल को महल के चारों ओर देखना चाहिए, और इस बीच दो घंटे में वापस आ जाना चाहिए, और साथ ही कहा कि मैं आपसे कुछ करने के लिए कहना चाहता हूं, नायक ने लड़के को एक चम्मच सौंपते हुए कहा, कि इसमें दो बूंदें तेल की हैं, इसे साथ लेते जाओ और ध्यान रखना तेल की बूँदें गिरने न पाएं।
लड़का अपनी आँखें चम्मच पर टिकाए हुए महल में घूमने लगा, सीढ़ियों से ऊपर-नीचे जाने लगा।
दो घंटे के बाद वह उस कमरे में लौट आया जहाँ हमारा बुद्धिमान व्यक्ति नायक था। नायक ने सरल से पूछा कि तुम्हें मेरा महल कैसा लगा?
क्या तुमने वो पर्शियन कलात्मक परदे देखे जो मेरे डाइनिंग हॉल में लटके हैं। क्या तुमने इस महल के बगीचे को देखा कि जिसे बनाने में मेरे माली को दस साल लग गए।
और क्या तुमने मेरी लाइब्रेरी में दुनिया की बेहद मूल्यवान किताबों और सुंदर अलमारियों और आसनों को देखा है।
मगर सरल शर्मिंदा था, और उसने कबूल किया कि उसने कुछ नहीं देखा था। उसकी एकमात्र चिंता थी कि कहीं तेल न गिर जाए जो नायक ने उसे सौंपा था। नायक ने कहा “फिर वापस जाओ और मेरे चमत्कारी महल को ध्यान से देखो। लड़के ने राहत की साँस ली, चम्मच उठाया और महल को देखने के लिए चल पड़ा। इस बार छत और दीवारों पर कला के सभी कामों का अवलोकन करते हुए। वहां मौजूद बगीचों, पहाड़ों, उनके चारों ओर फूलों की सुंदरता को ध्यान से देखा जिसे नायक ने बेहद सलीके और शायद शौक के साथ चुना था।
इस बार बुद्धिमान व्यक्ति के पास लौटने पर उसने जो कुछ भी देखा था, उसके सम्बन्ध में विस्तार से बताया।
नायक ने मुस्कुराते हुए कहा बहुत खूब, लेकिन, तेल की बूंदें कहां हैं, जिसे मैंने आपको सौंपा था। बुद्धिमान व्यक्ति ने चम्मच की तरफ देखते हुए पूछा।
लड़के ने देखा कि चम्मच खाली थी तेल गिर चुका था।
अब नायक ने कहा: वैसे, केवल एक ही सलाह है, जो मैं आपको दे सकता हूं, बुद्धिमान पुरुषों का कहना है, खुशी का रहस्य दुनिया के सभी चमत्कारों को देखना है, और साथ ही साथ चम्मच पर तेल की बूंदों को कभी नहीं भूलने में है।
आप को इस दुनिया में रह कर बहुत दूर तक यात्रा करनी है, आप दुनिया के अनेक अजूबे खोज सकते हैं।
पर कभी मत भूलो, तुम कौन हो, कहाँ से आते हो, कभी अपना चरित्र नहीं खोना, और अपनी नैतिकता के प्रति सच्चे रहना ।
लेकिन एक ही समय में अपने चारों ओर देखो, और अपने आसपास की दुनिया पर ध्यान केंद्रित करो। मगर यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि आप कौन हैं, और आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है।
यानी स्वयं को भूले बिना संसार को देखने में ही सच्ची ख़ुशी है।