ख़ूबसूरत ख़ामियां यानी वो कमियां जो हमारी नज़रों में ज़रूर कमी हों पर उनमें कुछ ख़ासियत होती है। और ऐसी ख़ूबसूरत ख़ामियां आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देती हैं। क्योंकि शायद वो कमियां न होतीं तो आप शायद आप ही न होते। अपनी इसी बात को यहां हम मज़ेदार कहानी के माध्यम से आपके सामने रख रहे हैं। कहानी सुनने के लिए नीचे चित्र पर क्लिक करें –
ख़ूबसूरत ख़ामियां – कहानी
पुराने समय बार की बात है एक युवती थी। वह एक व्यापारी के लिए काम करती थी, व्यापारी एक पहाड़ी की चोटी पर रहता था। उसका काम था हर दिन एक नदी से पानी इकट्ठा करके घर लाना। पानी ढोने के लिए उसके पास दो बर्तन थे। जिसे बांस सिरों पर लटका कर ले जा सकती थी। उसका यह रोज़ का काम था।
समय के साथ उसके एक बर्तन को एक छोटी सी दरार मिल गई। उसने बरतन पर दरार देखी, और फैसला किया कि वह अभी भी इसका इस्तेमाल कर सकती है। इसलिए हर दिन महिला उन्हीं दोनों बर्तनों में पानी भर कर लाती।
वह बर्तनों को पूरा पानी से भरती और उसके कन्धों के ऊपर पोल को संतुलित करते हुए घर की ओर वापस चल पड़ती। मगर जब तक वह घर पहुँचती दरार वाला बर्तन केवल आधा भरा हुआ होता। चटखा हुआ बर्तन दूसरे बर्तन को देखता जिसमें कि पानी अभी भी ऊपर तक भरा हुआ होता। उसे यह बड़ा खराब लगता। सही बर्तन अपनी उपलब्धि पर गर्व महसूस करता जबकि दरार वाला शर्मिंदा और दुखी महसूस कर रहा होता कि वह पानी की उतनी मात्रा को पूरा करने सक्षम नहीं है जितना कि दूसरा बर्तन। इसलिए वह अपने आप को हारा हुआ और बेकार महसूस करता।
एक दिन बर्तन ने महिला से बात की, उसने कहा, “प्रिय महिला, मैं अपनी खामियों के लिए माफी मांगती हूं। मेरे अंदर की दरार ने मुझे पानी के आधे हिस्से में बेकार कर दिया है, और मैं पूरा पानी नहीं ला पाता हूं, मैं बिलकुल भी अच्छा नहीं हूँ। महिला ने पुराने बर्तन के लिए खेद महसूस किया। और उसने कहा, लेकिन बर्तन शायद तुम अभी समझ नहीं पा रहे हो। तुमने शायद ध्यान नहीं दिया। तो इस बार जब हम घर वापस आएं अपने चारों तरफ नज़र रखना। मैं चाहती हूँ तुम अपने चारों तरफ ध्यान से देखो।
इसलिए अगली बार, जब महिला ने पानी लेकर घर की तरफ वापस चली तो टूटे हुए बर्तन ने ध्यान से वहाँ तक का रास्ता देखा, और पहली बार बर्तन अपने अंदर देखना बंद कर दिया। उसने देखा जिस तरफ वह बर्तन रहता था रास्ते के उस तरफ सुन्दर फूल खिले थे, पौधों में हरियाली थी जबकि दूसरी तरफ अभी भी सूख रहा था।
जब वह लड़की पहाड़ी की चोटी पर पहुंची, उसने पूछा क्या आज तुम्हे रास्ते के खूबसूरत फूल नज़र आये? वे केवल उस तरफ हैं जिस तरफ तुम होते हो।
मुझे हमेशा तुम्हारी दरार के बारे में पता था। पर मैंने इस बात का फायदा उठाया। और रास्ते में इन खूबसूरत पौधों में और फूलों में पानी डाल दिया। तुम्हारे बिना रास्ते के इस तरफ इतनी हरियाली और खूबसूरती नहीं होती।
जब दरार वाले बर्तन की समझ में ये बात आयी तो उसका सारा दुःख दूर हो गया। वह समझ गया जिस चीज़ को वह अपनी कमज़ोरी समझता था वह फूलों और पौधों के लिए फायदेमंद बन गयी।
बिलकुल इसी तरह हममें से हर एक अलग है, अनोखा है, अद्वितिय है। और हम सभी की अपनी-अपनी खामियां भी हैं जो किसी को अच्छी नहीं लगतीं, मगर ये खामियां इस दुनिया को खूबसूरत बनाती हैं।
क्या आप जानते हैं, कि तितलियों को अपना रंग नहीं पता होता लेकिन हमारी आँखें उनके पंख देखती हैं कि वो कितने सुन्दर हैं। और इसी तरह आप शायद नहीं जानते आपमें भी बहुत सी खूबियां हैं।
मगर आप भी दुनिया में किसी के लिए ख़ास हैं।