Elderly Exploitation | बुज़ुर्गों का शोषण
आज बुज़ुर्गों के साथ होने वाला शोषण / Exploitation एक आम बात है। उनमें से एक हैं हमारे काका-
लखिया काका
74 साल के लक्ष्मण प्रसाद जी, जिन्हे सब लखिया काका कहकर पुकारते हैं। आज जब गुप्ता जी की दुकान पर चाय पीने आये, तो मैं भी पास वहीं बैठा था। वह आये तो मेरी नमस्ते का जवाब काका ने सर हिलाकर दिया। कुछ देर चाय पीने के बाद पता नहीं क्या हुआ कि, आमतौर पर बहुत ही चुप रहने वाले काका आज खुद ही बात करने लगे। वे बोले कि कुछ दिनों से वे याद कर रहे थे। अपने उन दिनों को जब वे जल निगम में कार्यरत थे। चुप रहने वाले लखिया काका को थोड़ा भावुक होकर बात करते देख वहां बैठे, उनके हमउम्र दोस्त, और उन्हें जानने वाले ध्यान से सुनने लगे।
काका शून्य में देखते हुए शायद कुछ सोचते हुए मुस्कुरा कर बोले- उन दिनों की सबसे अच्छी बात थी कि, अपनी जिंदगी अपने नियंत्रण में थी। जीवन में एक लक्ष्य था, बहुत से काम थे, पर… एक आज़ादी थी, इतना व्यस्त रहने के बावजूद भी कितना सुकून था। और….. अचानक उनको ध्यान आया कि सब उन्हें एकटक देख रहे हैं। उन्होंने वापस बात बदल कर काउंटर की तरफ देख कर कहा, अ..अ…अरे हाँ गुप्ता जी, कितना हुआ? और पैसे देकर भारी कदमों से दुकान से बाहर चले गए।
लखिया काका का शोषण ( Exploitation )
उनके जाने के बाद एक सन्नाटा छा गया, किसी ने कुछ नहीं कहा। पर सब जानते थे काका की व्यथा। वह आज भी सड़क के किनारे प्लास्टिक का सामान बेचकर अपना और अपनी पत्नी का गुज़ारा कर रहे थे। क्योंकि वह अपने दिल के टुकड़े – मतलब अपने ही बेटे के दुर्व्यवहार और शोषण को अपना भाग्य बना बैठे थे। अपनी सारी पेंशन हर महीने अपने बेटे को सौंप देते थे। जिससे कि जो घर वह पुत्र प्रेम में अपने बेटे को दे चुके थे, उसी घर से वह उन्हें न निकाल दे। सोचते थे इस उम्र में अपनी शुगर की मरीज़ पत्नी को साथ लेकर कहाँ जायेगे। और एक लालच भी था की कम से कम इस बहाने अपने बेटे और पोते-पोतियों को देख तो पाएंगे।
आज देश में बहुत सारे बुजुर्ग लोग रिटायरमेंट के बाद जिस तरह अकेलेपन, शर्मिंदगी और अपने ही बच्चों द्वारा बुरे बर्ताव को सहते हुए जीवन जी रहे हैं। पेंशन और घर के होते हुए भी ऐसा लगता है कि, उनकी हालत बेघर ग़रीबों जैसी हो।

Exploitation of Elderly | बुज़ुर्गों का शोषण
Definition of abuse /exploitation | दुर्व्यवहार / शोषण की परिभाषा:
विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO केअनुसार “एक, या बार-बार किए जाने वाले अनुचित व्यवहार, अथवा उचित व्यवहार का न किया जाना बड़ों के साथ दुर्व्यवहार की परिभाषा में आता है।” डब्ल्यूएचओ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बड़ों के साथ दुर्व्यवहार शारीरिक, मनोवैज्ञानिक या भावनात्मक, यौन और वित्तीय दुरुपयोग जैसे विभिन्न रूपों में हो सकता है। जानबूझकर या अनजाने में उपेक्षा किया जाना भी दुर्व्यवहार की श्रेणी में ही आता है।
हेल्पेज इंडिया | Helpageindia के सर्वेक्षण में बुजुर्ग मौखिकअपमान, और उपेक्षा को दुर्व्यवहार की श्रेणी में रखते हैं। 2014 के इस सर्वेक्षण के अनुसार 50% बुज़ुर्ग दुर्व्यवहार का अनुभव करते हैं। जिसमें मौखिक दुर्व्यवहार सबसे ज़्यादा देखा गया और उसके बाद उपेक्षा एवं अपमान।
Elderly Abuse or Exploitation: Reasons | बुज़ुर्गों का शोषण: कारण
Income | बुर्जुगों की आय
ऐजवेल फ़ाउंडेशन | Agewell foundation के एक सर्वे के अनुसार 65% बुजुर्गों के पास आय का कोई स्रोत नहीं होता है। सिर्फ 35 प्रतिशत वृद्धों के पास अपनी पैसा, बचत या निवेश के रूप, एवं विरासत और बच्चों सहयोग है। भारत में आज बुजर्गों वस्तुस्थिति देखें तो उनकी आबादी 10 करोड़ से अधिक है। जो सन 2050 तक 30 करोड़ को पार कर जायेगी।
प्रायः वित्तीय स्थिति कैसी भी हो, बूढ़े लोगों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है।
Lack of Awareness | बुजुर्गों में जागरूकता की कमी:
देखा जाए तो बुढ़ापे में अपने अधिकारों को न जानने की वजह से भी बहुत सारे वरिष्ठ नागरिकों को अमानवीय परिस्थितियों में रहना पड़ता है। बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि, यह दुर्व्यवहार उग्र होता है। और हमारे बुजुर्ग भी अधिकतर अपनों के प्रेम-वश या उनको खुश देखने के लिए या कभी-कभी अपने मन की शांति के लिए परिस्थितियों से समझौता कर लेते हैं।
Condition is worst for Females | महिला बुजुर्गों की स्थिति बदतर
ऐजवेल नामक एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा करीब तीन सौ जिलों में कराये गए एक अध्ययन के अनुसार महिलायें वृद्धावस्था में पुरूषों की तुलना में दुर्व्यवहार/exploitation की अधिक शिकार हैं।

Exploitation of Elderly
Possible Reasons | कारण
- पुरुषों की तुलना में अधिक लम्बी उम्र, विधवापन, के कारण किसी साथी का न होना।
- गृहिणी होने के कारण किसी प्रकार की आय का न होना।
- ऐसा होने की वजह महिलाओं का तुलनात्मक रूप से ज़्यादातर निरक्षर होना।
- अपने अधिकारों के बारे में जागरूकता की कमी है।
- महिलाओं की अधिक सहनशीलता भी इसके लिए ज़िम्मेवार है।
- अधिकतर वृद्ध महिलायें अपने घर की चारदीवारी में ही रहती हैं, और अपनों द्वारा ही सतायी जाती हैं।
भारत के अधिकाँश शहरों में पुलिस द्वारा हेल्पलाइन चलाये गए हैं। जिसमें वरिष्ठ सहायता एन. जी. ओ. का सहयोग भी रहता है। परन्तु विडम्बना यह है कि, कई लोग हेल्पलाइन के बारे में जानते हुए भी दुर्व्यवहार की रिपोर्ट पुलिस को नहीं करते।
- सम्भवता वे ऐसा अपनी और अपने परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा के कारण नहीं करते।
- अपनों से अलगाव के डर से शिकायत नहीं करते।
- कभी-कभी प्रतिशोध की भावना के डर से भी वे घबराते हैं।
- बुज़ुर्ग अपने साथ किये गए बुरे व्यवहार / exploitation के बावजूद अपने बच्चों के भले का ही सोचने की वजह से भी शिकायत नहीं करते।
बहुत से लोग इसके लिए सरकार को दोषी ठहरा सकते हैं। जैसे सरकार को जारूकता फैलानी चाहिए, वृद्धों के कल्याण के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। और उन्हें सही व्यक्ति तक पहुंचाना चाहिए। सरकार ने इसके लिए क़ानून भी बनाया है।

Exploitation of Elderly | बुज़ुर्गों का शोषण
Legal Aid | कानूनी मदद
वरिष्ठ नागरिक गुज़ारा भत्ता के लिए रखरखाव न्यायाधिकरण maintenance tribunal में सेक्शन 4 के तहत अप्लाई कर सकते हैं। यदि वरिष्ठ नागरिक स्वयं आवेदन करने में असमर्थ है, तो उनके द्वारा अधिकृत कोई अन्य व्यक्ति या पंजीकृत स्वैच्छिक संगठन आवेदन कर सकता है। आवेदन प्राप्त होने पर, रखरखाव न्यायाधिकरण बच्चों को नोटिस जारी करेगा, सुनवाई करेगा, सबूत लेगा और रखरखाव करेगा। रखरखाव न्यायाधिकरण भी सुलह के लिए मामले को समय दे सकता है या रखरखाव के लिए अंतरिम आदेश पारित कर सकता है।
आर्थिक रूप से कमज़ोर वरिष्ठ वर्ग के लिए सरकार ने कई पेंशन योजनाएं भी चलायी हैं।
पर क्या यह काफी होगा? नहीं !
सरकार से ज़्यादा यह उन प्रियजनों की ज़िम्मेदारी है, जिनसे बुज़ुर्ग अपेक्षा रखते हैं। जिनकी ख़ुशी के लिए इन्हीं बुज़ुर्गों ने कभी अपना सर्वस्व दिया था। आज अगर आप अपने बुजुर्गों का महत्त्व नहीं समझेंगे तो कल आपकी भी बारी है।
Need of the time | आज की आवश्यकता
आज आवशयकता है, कि हम अपने वरिष्ठ रिश्तेदारों से और बढ़ती उम्र वाले सम्बन्धियों से समीपता बनाये रखें, उनकी बढ़ती उम्र, स्वास्थ्य, और ज़रूरतों का ध्यान रखते हुए उनकी स्वतंत्रता का भी ध्यान रखें। उन्हें सबसे अधिक जिस चीज़ की ज़रुरत है, वह है आपका समय। उन्हें सुनें, उनसे बात करें। बुजुर्गों से प्रेम और सहानुभूति रखें। अपने बुजुर्गों के आज में अपना कल देखने से आप सचमुच की सहानुभूति अनुभव कर पाएंगे। आप समय न दे सकते हों तो अपने बच्चों को बुजुर्गों के साथ समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करें। क्योंकि आपके बुज़ुर्गों का आज आपका कल भी है।
आपके बुजुर्ग सिर्फ आपके प्रेम और सम्मान के ही अभिलाषी हैं।

प्रेम और सम्मान
भारत में बुज़ुर्गों के लिए हेल्पलाइन (पुलिस और एन. जी. ओ. के सहयोग से संचालित)
इन नंबरों पर फ़ोन करके आप अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार या exploitation घटना की शिकायत कर सकते हैं।
हेल्पेज इंडिया: 044 2621 3908, 3850
हेल्पेज इंडिया:1800 -180 -1253
द गोल्डन एज, लखनऊ: 1800-180-0060
बरेली:1800-80-0060
दिल्ली दादा दादी सहायता फाउंडेशन: 9212717171 | 9212050505 | 26260777
दिल्ली वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन: 1291
वरिष्ठ नागरिक सेल दिल्ली पुलिस: 011-23490010 / 4336
दिल्ली पुलिस: 1091
अहमदाबाद: 1800-180-1253
गुजरात पुलिस हेल्पलाइन 1096
बैंगलोर: 1090 (बैंगलौर सिटी पुलिस और कोकिला मेडिकल ट्रस्ट)
डिग्निटी फाउंडेशन: 080 4151 1307/4166 1122, 1076
चंडीगढ़ के वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन 1090
चेन्नई वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन 1253
TN वरिष्ठ नागरिक संघ: 044 4213 3002
हैदराबाद वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन: 0901 047 0724
इंदौर वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन 0731 251 0308, 252 2111
कोलकाता वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन 98300 88884
प्रणाम: 033 2419 0740
मुंबई वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन 1298/1090
डिग्निटी फाउंडेशन हेल्पलाइन: 022- 61381111
नागपुर सिल्वर क्लब हेल्पलाइन: 91 9371276575, 9503439201
पुणे वरिष्ठ नागरिक हेल्पलाइन: 1091/020 – 30439100
तिरुअनंतपुरम: 1800-599-11111
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