Elderly – Change | बुजुर्गऔर बदलाव
परिवर्तन जीवन का नियम है। तो इससे बचने के बारे में सोचने की बजाये इसके साथ सामंजस्य बनाये रखना ही समझदारी है। और आपने पूरे जीवन न जाने कितने परिवर्तनों से गुजरते हुए बिता दिए। तो अब इस बुढ़ापे / Elderly के परिवर्तन को सँभालने में तो आपका जीवन भर का अनुभव काम आएगा ही न !
Retirement and Elderly | रिटायरमेंट और बुढ़ापा
रिटायर होना बूढ़े होने की निशानी नहीं है। और बूढ़ा होना भी यह तय नहीं करता आप किसी काम के नहीं रहे। यह सब आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है। आप कैसा महसूस करते हैं।
रिटायर होने की बात करें तो आमतौर पर सरकारी विभागों में रिटायरमेन्ट यानी सेवानिवृत्ति की एक उम्र सुनिश्चित की गयी है 60 वर्ष ,जो की सभी के लिए समान है। पर इस 60 वर्ष की इस उम्र में व्यक्ति को वरिष्ठ नागरिक का दर्ज़ा भी मिलता है, जो उसके सम्मान को बढ़ाने के लिए है। वरिष्ठ का मतलब ही होता है बड़ा, यानि वरिष्ठ नागरिक सामान्य नागरिक के मुक़ाबले कुछ ख़ास है। वरिष्ठ नागरिकों का अपना एक महत्त्व है।
हाँ, यह बात ज़रूर है कि जैसे जीवन के हर पड़ाव पर मानव की जीवन शैली में बदलाव होता है। जैसे एक समय में बच्चा स्कूल जाना शुरू करता है, तो उसके लिए चीज़ें बदलती हैं। उसकी स्वच्छंद जीवन शैली एक समय में बंधने लगती है। फिर उम्र के बढ़ने के साथ वह बहुत से बदलावों के साथ गुज़रता हुआ बढ़ता है। कुछ चीज़ें उसे अच्छा महसूस कराती हैं और कुछ वह बेमन से मानकर भी धीरे-धीरे स्वीकार कर लेता है। पर सच ये है कि वह जितनी जल्दी बदलाव/परिवर्तन को स्वीकार करता चलता है। वह उन परिवर्तनों का उतना ही आनंद उठा पाता है।
इसी प्रकार जब आप बूढ़े होते है, तो उसे इस तरह देखिये। जब अपने कार्यस्थल पर किसी की पदोन्नति होती है। तो वह व्यक्ति अपने आप को कुछ बेहतर, ख़ास और प्रभावशाली समझता है। इसी तरह आप ने वरिष्ठ नागरिक का दर्ज़ा प्राप्त कर जीवन में पदोन्नति की है।

Elderly -Elderly -Photo by Krunal Parmar from pexels -seniorcitizenindia.com
Be Ready | जीवन के इस बड़े बदलाव के लिए तैयार रहें
सरकारी विभागों को छोड़ दें तो सेवानिवृत्ति में आयु की कोई अनिवार्यता नहीं है। अगर आप स्वयं को सक्षम पाते हैं। तो गैर सरकारी बहुत से ऐसे अवसर होते हैं, जहां आप अपनी कार्यक्षमता के अनुसार लम्बे समय तक व्यस्त रह सकते हैं।
जब आपको आपके काम या करियर से अलग होना ही पड़ता है। तब आपको स्वयं को अपने जीवन में होने वाले बड़े परिवर्तन के लिए तैयार करना होता है। क्योंकि अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा आपने इस काम को करते हुए जिया है। इस काम ने आपके जीवन के सामाजिक पहलू को प्रभावित किया है। आपको बहुत से मित्र दिए हैं। आपको मूल्यवान महसूस कराया है। वित्तीय सुरक्षा प्रदान की, आत्म सम्मान का भाव दिया है। इसलिए आपको अपने इस कार्य से प्रेम होता है। पर आपको यह समझना होगा कि यह काम आपने किया है। आपका हुनर, आपकी काबिलियत,आपकी मेहनत ने आपको आज यहाँ तक पहुँचाया। यह मित्र, सम्मान, पैसा आपके कार्यों का परिणाम है। इसलिए अब उस जाने वाली नौकरी से नहीं स्वयं से प्रेम करें।

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Talk | अपनी समस्याएं और चिंताओं पर बात करें
जब खुल कर अपनी समस्यांओं पर बात करते हैं। तब आपकी समस्या सम्बंधित किसी भी कठिनाई को समझना और उसका उपाय ढूंढना आसान होता है। अपने निकट मित्रों और परिवार से जब आप अपने विचार बाँटते हैं। तो वह भी आपके मन में चलने वाली चिंताओं को वास्तव में महसूस कर पाते हैं। जब आपके अपने पूरी तरह सुनते हैं, या कोई युक्तिपूर्ण योजना सुझाते हैं। तब आप समर्थित महसूस करते हैं। इसलिए अपनी समस्याओं और चिंताओं के बारे में बात करना चाहिए। बात करने से नए रास्ते भी मिलते हैं।

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Ask for help | जरुरत पड़ने पर मदद माँगने से न हिचकें
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। उसके लिए दोस्तों और परिवार का साथ अनमोल हैं। जीवन में बहुत बार ऐसा समय आता है, जो भावनात्मक रूप से कठिन होता है। और बड़े होने के नाते मदद मांगना आसान भी नहीं होता। परन्तु कठिन भावनाएं जीवन में हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं। जिससे सिर्फ आप ही नहीं आपके आसपास वाले भी प्रभावित होते हैं। इसलिए इस मुश्किल से निकलें और मदद मांगे
Let bygones be bygones | बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध ले
जब आप किसी मुद्दे को निरंतर चिंता बनने देते हैं, तो यह आपके मानसिक स्वास्थ्य लिए अच्छा नहीं है। इसलिए उत्पन्न परिस्थिति से निपटने की योजना बनायें। यह महत्वपूर्ण है कि, आप सेवानिवृत्ति के बाद सक्रिय रहने के लिए कोई न कोई योजना बनायें। अब आप स्वस्थ जीवन, गतिशीलता, खुद के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सजग हो जाएँ।
मूल रूप से, एक योजना आपको किसी समस्या या स्थिति के सभी पहलुओं के माध्यम से सोचने में मदद कर सकती है।

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Keep touch with friends | मित्रों के संपर्क में रहना
जब जीवन कठिन हो जाता है और विशेष रूप से बुढ़ापे में मित्र आपको ट्रैक पर रखने में मदद कर सकते हैं।किसी विशेष समस्या पर हमेशा एक अलग दृष्टिकोण हो सकता है, जिसे जानने के लिए आपके मित्र आपकी सहायता कर सकते हैं।
दुनिया लगातार बदल रही है और कभी-कभी अकेले और लीग से बाहर महसूस करना काफी सामान्य है। समय के साथ संवाद करने का तरीका बदला है। सूचना तकनीक(Information Technology ) का भी इस पर बहुत बुरा असर पड़ा है। बड़ों को अक्सर महसूस हो सकता है कि मूल्यों और दृष्टिकोणों का सम्मान नहीं किया जाता है। लेकिन यह सभी के लिए समान नहीं है, सभी युवा एक से नहीं होते हैं। जब बुजुर्ग दूसरी पीढ़ियों के लोगों से संपर्क रखना शुरू करते हैं, तो यह उन्हें इस परिप्रेक्ष्य / नज़रिये में रखने में मदद कर सकता है और उन्हें यह एहसास दिला सकता है कि सभी उम्र में समान विचारधारा वाले लोग हैं।
बड़ों में मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि उनके बीच अकेलेपन की भावना काफी अधिक है। यदि वे इसकी आवश्यकता महसूस करते हैं तो हमेशा वरिष्ठ देखभाल केंद्रों की मदद ले सकते हैं।
being good initiative taken up .Congratulations
thank you! sir