एसिडिटी क्या है ?
किन कारणों से एसिडिटी होती है ?
कैसे पता करें कि एसिडिटी हुई है ?
एसिडिटी के देसी घरेलू उपचार
फ्रेंड्स आजकल ज्यादातर लोग अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं जिस कारण एसिडिटी, पेट में जलन और कब्ज जैसी बीमारियों से घिरे रहते हैं।
एसिडिटी क्या है ?
हमारा पाचनतंत्र हमारे खाने को पचाने के लिए एसिड बनाता है। यदि इस एसिड की मात्रा सही रहेगी तो हमारा पाचन तंत्र सही रहता है। लेकिन जब पेट की गैस्ट्रिक ग्रंथियों में एसिड का अधिक स्राव होता है तो यह अमलता यानि एसिडिटी बन जाती है।
एसिडिटी के लिए बाजार में बहुत सी दवायें उपलब्ध हैं हमें इनसे आराम तो मिल सकता है, लेकिन ये एसिडिटी से छुटकारा पाने का सही उपाय नहीं है।
किन कारणों से होती है एसिडिटी ?
- भोजन के बीच लम्बा अंतराल होने से
- बाजार के तीखे चटपटे व्यंजन खाने से
- अत्यधिक धूम्रपान के कारण
- खाली पेट चाय या शराब पीने से
- चाय कॉफी का अत्यधिक सेवन
- मिर्च मसाले और अधिक तली भुनी चीज़ें खाना
- मैदे से बने व्यंजन का अधिक सेवन
- बिना चबाये तेजी से भोजन करना
- खाने के साथ या तुरंत बाद ज्यादा मात्रा में पानी पीना
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कैसे पता करें कि एसिडिटी हुई है ?
- जिस व्यक्ति को एसिडिटी की समस्या होती है उसे खट्टी और कड़वी डकारें आती हैं
- घबराहट हो सकती है
- उल्टी का महसूस होते रहना
- पेट में गैस का अधिक बनना
- कब्ज होना
- पेट, सीने या गले में जलन हो सकती है
- सीने या सर में दर्द होना
एसिडिटी का इलाज करने के घरेलू या देसी उपचार
एसिडिटी काफी कष्टप्रद हो सकती है। उसी से छुटकारा पाने के लिए, हम अक्सर विभिन्न उपचारों का सहारा लेते हैं। हमारे रसोई में कुछ ऐसी सामग्री उपलब्ध है जो हमें पेट की जलन और गैस की समस्या से बचा सकती हैं। इस लेख में हमने एसिडिटी के लिए कुछ घरेलू उपचारों की एक सूची शामिल की है, जो एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाने में बहुत मदद कर सकते हैं। इन उपायों को अपनाकर परिणाम देखिये।
सौंफ
खाना खाने के बाद सौंफ खाने की परम्परा भारतीय भोजन में प्रचलित है। एक छोटी चम्मच सौंफ भोजन के बाद नियमित रूप से लेते रहने पर कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या नहीं रहती है।
अदरक
अदरक का सेवन एसिडिटी का अचूक उपाय है। आधा इंच अदरख के छोटे टुकड़े करके या घिस कर एक गिलास पानी में खौला लें। जब आधा गिलास पानी बचे तो थोड़ा गुनगुना पियें।
एलोवीरा का जूस
एलोवीरा का जूस एसिडिटी की समस्या में एक बेहतरीन उपाय है। प्रतिदिन इसका प्रयोग करने से लाभ मिलता है
तुलसी के पत्ते
जैसे ही पेट जलन या गैस महसूस हो, तुलसी के ३ से ४ पत्ते चबाकर खाए। या एक कप पानी में २ दाने काली मिर्च के साथ उबालकर छान लें।अब गुनगुना होने पर चाय की तरह सिप करते हुए पियें।
नारियल पानी
नारियल पानी में गले और पेट की जलन समाप्त करने के गुण होते हैं। यह शरीर के अम्लीय PH को क्षारीय बनाने का काम करता है। पेट की सतह पर यह एक सुरक्षा परत निर्माण करके एसिड से प्रभावित क्षेत्र को रिपेयर भी करता है।
ठंडा दूध
एसिडिटी से पीड़ित होने पर एक गिलास ठंडा दूध पीने की जरूरत है। दूध पेट में गैस्ट्रिक एसिड को स्थिर करने में मदद कर सकता है। यह कैल्शियम से भरपूर होता है, जो पेट में एसिड के निर्माण को रोकता है।
आँवला
पेट के लिए आँवला बहुत ही लाभदायक है। एसिडिटी को कम करने के लिए आँवला का मुरब्बा, चूर्ण या जूस का प्रयोग कर सकते हैं।
सेब का सिरका
एक कप पानी में 1-2 चम्मच कच्चे, अनफ़िल्टर्ड एप्पल साइडर सिरका मिलाएं और इसे दिन में एक या दो बार पिएं।
केला
एसिडिटी से छुटकारा पाने का यह सबसे सरल घरेलू उपाय है। रोज़ एक केला आपका एसिडिटी से बचाव करता है। जब स्वास्थ्य लाभकारी गुणों की बात आती है, तो केले बहुत महत्व रखते हैं। केले में प्राकृतिक एंटासिड होते हैं जो एसिड रिफ्लक्स के खिलाफ एक बफर के रूप में कार्य कर सकते हैं।
गुड़
गुड़ में मौजूद उच्च मैग्नीशियम आंतों की ताकत बढ़ाने में मदद करता है। यह पाचन में सहायक है और आपके पाचन तंत्र को अधिक क्षारीय बनाता है, जिससे पेट की अम्लता कम होती है। भोजन के बाद गुड़ के एक छोटे टुकड़े पर चूसें, और लाभ प्राप्त करें। चूंकि गुड़ भी शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने में मदद करता है, इसलिए पेट को ठंडा करने के लिए गर्मियों के दौरान गुड़ शरबत पियें।
गुलकंद
गुलकंद का गुलाब की पत्तियों से बना होता है यह पेट के लिए बहुत ही गुणकारी है। इसके प्रयोग से भी एसिडिटी की रोकथाम की जा सकती है।
किशमिश
१० ग्राम किशमिश को रात में भिगोकर सुबह खाने से एसिडिटी में आराम मिलता है
बादाम
बादाम एसिड को नियंत्रित करता है। ३ से ४ बादाम खायें जिससे एसिडिटी नियंत्रित रहेगी।
इन सब के अतिरिक्त
- मुलेठी का चूर्ण या काढ़ा का प्रयोग करें
- अश्वगंधा को दूध के साथ लें
- मुनक्का एक गिलास दूध में उबाल कर सेवन करें
- ५ से ७ गिलोय की जड़ के टुकड़े लें और इन्हें पानी में उबाल लें और गुनगुना होने पर घूंट घूंट पीयें।
- तिरोई, लौकी या कद्दू की बिना मसाले वाली सब्जी बनाकर खाएं।
- छाछ में जीरा व् काला नमक डालकर पीयें।
- जीरा, सौंफ और अजवायन मिलाकर चूर्ण बनायें और काला नमक मिलाकर पीयें।
- प्रतिदिन कम से कम ३ लीटर सामान्य तापमान वाला पानी पीयें।
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एसिडिटी होने पर उसे इग्नोर न करें क्योंकि यह बहुत सी गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। अल्सर, माइग्रेन, स्टोन व् कैंसर जैसे रोग अम्लता के लगातार बने रहने पर तेजी से शरीर में उत्पन्न होने की सम्भावना को बढ़ा देते हैं।
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